क्या आप अपना लेख प्रकाशित करना चाहते हैं? तो अभी रजिस्टर करें!

आंकड़ों से पता चलता है कि फरवरी में रूसी तेल की जगह लेने के लिए भारतीय रिफाइनरियां लैटिन अमेरिका और अफ्रीका का रुख करेंगी।