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अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड (AESL) को गुजरात में एक महत्वपूर्ण पावर ट्रांसमिशन परियोजना का ठेका मिला है। यह परियोजना टैरिफ-आधारित प्रतिस्पर्धी बोली (TBCB) तंत्र के तहत प्राप्त हुई और 20 मार्च 2025 को AESL को आधिकारिक रूप से हस्तांतरित कर दी गई।
यह इस वित्तीय वर्ष में कंपनी की छठी जीत है, जिससे उसका कुल ऑर्डरबुक 57,561 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। इस परियोजना के तहत, AESL गुजरात के मुंद्रा में हरित हाइड्रोजन और हरित अमोनिया के निर्माण के लिए हरित ऊर्जा की आपूर्ति करेगा। इस प्रोजेक्ट की लागत 2,800 करोड़ रुपये होगी और इसे 36 महीनों में पूरा किया जाएगा।
कंपनी के ट्रांसमिशन सेगमेंट का EBITDA वित्त वर्ष 2027 तक दोगुना होकर 7,600 करोड़ रुपये तक पहुंचने की संभावना है, जो भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य से प्रेरित है। मुंद्रा SEZ में बिजली की मांग 50MW से बढ़कर 5GW होने की उम्मीद है, जिससे विनियमित परिसंपत्ति आधार (RAB) 1,500-2,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा।
इसके अलावा, परियोजना के तहत, नविनल (मुंद्रा) विद्युत उपकेंद्र को अपग्रेड किया जाएगा, जिसमें दो बड़े 765/400kV ट्रांसफार्मर जोड़े जाएंगे। साथ ही, 75 किलोमीटर लंबी 765kV डबल-सर्किट लाइन का निर्माण किया जाएगा, जो इस उपकेंद्र को भुज उपकेंद्र से जोड़ेगी।