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लखनऊ:
उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) द्वारा विकसित गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का उद्घाटन इस शुक्रवार को किया जाएगा। इसके साथ ही उत्तर प्रदेश में कुल सात एक्सप्रेसवे चालू हो जाएंगे, जो राज्य की सड़कों के बुनियादी ढांचे को और मजबूत करेंगे।
इन सात में से पांच एक्सप्रेसवे पिछले आठ वर्षों में पूरे किए गए हैं, जिससे स्पष्ट होता है कि राज्य सरकार सड़क संपर्क और औद्योगिक विकास को लेकर कितनी प्रतिबद्ध है। 2017 से पहले राज्य में केवल दो एक्सप्रेसवे चालू थे, लेकिन अब उत्तर प्रदेश को "एक्सप्रेसवे स्टेट" कहा जाने लगा है।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे के जुड़ने से उत्तर प्रदेश का एक्सप्रेसवे नेटवर्क देश के सबसे लंबे नेटवर्क्स में से एक बन जाएगा। ये हाई-स्पीड कॉरिडोर क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने, यात्रा समय घटाने और माल तथा लोगों की सुगम आवाजाही सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
इसके अलावा राज्य में तीन एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य चल रहा है और आठ अन्य प्रस्तावित चरणों में हैं। यह विस्तार राज्य को एक औद्योगिक और लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से किया जा रहा है।
उत्तर प्रदेश में वर्तमान में चालू एक्सप्रेसवे:
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे: लखनऊ से गाजीपुर तक, 341 किलोमीटर
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे: चित्रकूट से इटावा तक, 296 किलोमीटर
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे: आगरा से लखनऊ तक, 302 किलोमीटर
यमुना एक्सप्रेसवे: ग्रेटर नोएडा से आगरा तक, 165 किलोमीटर
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे: दिल्ली से मेरठ तक, 82 किलोमीटर
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे: जल्द होगा चालू
निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे:
गंगा एक्सप्रेसवे: 591 किलोमीटर
बलिया लिंक एक्सप्रेसवे: 35 किलोमीटर
लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेसवे: 63 किलोमीटर
उत्तर प्रदेश सरकार की यह पहल राज्य को एक आधुनिक बुनियादी ढांचे वाला और तेज़ आर्थिक विकास की दिशा में अग्रसर प्रदेश बना रही है।