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नई दिल्ली: केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने सोमवार को कहा कि सरकार असम और पूर्वोत्तर में मजबूत जलमार्ग बुनियादी ढांचे का विकास कर रही है, जिसके तहत 1,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं शुरू की जा रही हैं, जिन्हें 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य है। पिछले दो वर्षों में 1,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया गया है, जिसमें 300 करोड़ रुपये की परियोजनाएं पहले ही पूरी हो चुकी हैं।
वरिष्ठ अधिकारियों के साथ असम और पूर्वोत्तर में चल रही परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए मंत्री ने कहा, “क्षेत्र में चल रहे कार्यों की मेरी समीक्षा के बाद, हम 2025 के अंत तक शेष 700 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को पूरा करने की राह पर हैं।”
मिजोरम में तियावंग और छिमटुईपुई नदियों के साथ-साथ मेघालय में उमियम झील और उमगोट नदी (NW106) पर IWT विकास के लिए व्यवहार्यता अध्ययनों की भी समीक्षा की गई। मंत्री ने कहा, "2014 से मोदी सरकार ने परिवहन के इस उपेक्षित तरीके को पुनर्जीवित किया है, खासकर ब्रह्मपुत्र (NW2) और बराक (NW16) नदियों के माध्यम से। जलवाहक जैसी योजनाएं व्यवसायों को इस किफायती, कुशल और पर्यावरण के अनुकूल तरीके को अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं, सड़क और रेल पर दबाव कम कर रही हैं और 2047 तक आत्मनिर्भर अर्थव्यवस्था की ओर भारत की यात्रा में असम को एक प्रमुख चालक के रूप में स्थापित कर रही हैं।"
सोनोवाल ने गुवाहाटी और धुबरी में प्रस्तावित जल मेट्रो सेवाओं की प्रगति का भी उल्लेख किया, जिसमें 315 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा तथा कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा दो इलेक्ट्रिक कैटामारन का निर्माण किया जाएगा।