भारत का सबसे विशाल आध्यात्मिक मेला- कुंभ मेला; भारतीय रेलवे ने 837 करोड़ की योजना बनाई, 800 मेला विशेष ट्रेनें शुरू: 2025 में होगा आयोजन
Psu Express Desk
Tue , 20 Jun 2023, 2:30 pm
भारत का सबसे विशाल आध्यात्मिक मेला- कुंभ मेला
नई दिल्ली: भारत का सबसे विशाल आध्यात्मिक मेला- कुंभ मेला, एक बार पुनः प्रयागराज में आरंभ होने वाला है। हर छ:ह वर्ष में अर्धकुंभ और प्रत्येक बारह वर्ष में कुंभमेले का आयोजन किया जाता है। इस बार कुंभ मेला वर्ष 2025 में आयोजित होगा।
प्रयागराज, संगम में हर बार की तरह इस बार भी एक माह तक यह आध्यात्मिक मेला संचालित रहेगा। कुंभ मेला दुनिया का सबसे विशाल व पवित्र कहे जाने वाला मेला है।
महाकुंभ मेले में भारतीय संस्कृति, धर्म और आध्यात्मिकता का महत्वपूर्ण प्रदर्शन होता है। इस मेले में दुनिया भर से लोंग एकत्र होते हैं और धार्मिक आयोजनों में भाग लेते हैं।
हिंदू धर्म की मान्यता है की संगम के इस महाकुंभ मेले में शामिल होने से उनके पापों का नाश हो जाता है और जीवन में समृद्धि आती है। यहां लोग आपस में मिलकर धार्मिक महत्वपूर्ण तत्वों को समझते हैं और आपसी सौहार्द का आनंद लेते हैं।
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वर्ष 2025 में आंरंभ होने वाले इस कुंभ मेला की तैयारियां बड़ी ज़ोरो और उत्साह के साथ अभी से की जा रही है। कुंभ को भव्य रूप से मनाए जाने के लिए यूपी सरकार संकल्पित है।
भारतीय रेलवे ने कुंभ मेला 2025 के यात्रियों को अपनी सुविधाएं प्रदान करने के लिए तैयारियां तेज़ी से शरू कर दी हैं।
भारतीय रेलवे द्वारा आरओबी/आरयूबी और यात्री सुविधाओं सहित विभिन्न बुनियादी ढांचे के कार्यों के लिए 837 करोड़ रुपये के फंड को भी मंजूरी दी गई है।
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राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर ने तीर्थयात्रियों के यातायात से निपटने के लिए 800 से अधिक मेला स्पेशल ट्रेनों को संचालित करने की योजना बनाई है। यह कदम छह मुख्य स्नान दिवसों में भाग लेने वाले भक्तों के लिए महत्वपूर्ण तथा फायदेमंद साबित होगा।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कुंभ मेले की व्यवस्थाओं को लेकर रेलवे अधिकारियों के साथ बैठक की और दिल्ली में कंट्रोल ऑफिस की भी जांच की है। साथ ही, रेल मंत्री ने बताया कि जनवरी 2025 के 6 प्रमुख स्नान के लिए 800 से अधिक मेला स्पेशल ट्रेनों को संचालन में लाया जाएगा।
इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय ट्रांसपोर्टर ने उत्तर रेलवे (NR), उत्तर मध्य रेलवे (NCR) और उत्तर पूर्व रेलवे (NER) ज़ोन के नौ स्टेशनों पर तीर्थयात्रियों के यातायात से निपटने की भी योजना बनाई है। मेले में 15 करोड़ से ज़्यादा तीर्थयात्रियों के आने की उम्मीद जताई जा रही है।
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