वित्त मंत्रालय ने राज्यों को पूंजी निवेश के लिए विशेष सहायता योजना का किया शुभारंभ; पढ़ें पूरी ख़बर

Mon , 31 Jul 2023, 4:13 pm
वित्त मंत्रालय ने राज्यों को पूंजी निवेश के लिए विशेष सहायता योजना का किया शुभारंभ; पढ़ें पूरी ख़बर
वित्त मंत्रालय ने राज्यों को पूंजी निवेश के लिए विशेष सहायता योजना का किया शुभारंभ

नई दिल्ली: वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग दवारा वित्त वर्ष 2022 से 23 के लिए 6,000 करोड़ रुपए के परिव्यय के साथ और वर्ष 2023 से 24 के लिए 15,000 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ, राज्यों को पूंजी निवेश के लिए विशेष सहायता योजना का शुभारंभ किया गया। इसके तहत 'शहरी सुधार' घटक की निगरानी आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा की जा रही है। 
 
राज्यों के लिए विशेष सहायता योजना वर्ष 2022 से 23 के दौरान, 6000 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय में से, योजना के भाग VI के तहत 13 भाग लेने वाले राज्यों के संबंध में आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा वित्त मंत्रालय को 4598.22 करोड़ रुपये की धनराशि की सिफारिश की गई। हालांकि, वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग द्वारा कुल 4093.16 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है।

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व्यय विभाग द्वारा संबंधित राज्यों को प्रोत्साहन राशि जारी की गई थी जिसका उपयोग 31 मार्च, 2023 तक किया जाना था। आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय राज्यों को जारी प्रोत्साहन धन राशि के उपयोग की निगरानी नहीं करता है।
 
आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) राज्य सरकार के अधिकारियों/यूएलबी की क्षमता निर्माण के लिए मार्गदर्शन कार्यशाला/सम्मेलन/प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। हाल ही में 13-14 जुलाई, 2023 के दौरान आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा स्थाई शहर निर्माण के लिए एक राष्ट्रीय शहरी नियोजन सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें पूरे देश के विभिन्न राज्य सरकारों/यूएलबी, शैक्षणिक संस्थानों तथा विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक (एडीबी) गेसेलशाफ्ट फर इंटरनेशनल ज़ुसामेनरबीट (जीआईजेड), जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (जेआईसीए) जैसे बहुपक्षीय संस्थानों के 1000 से अधिक आधिकारियों ने भाग लिया। 

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कार्यक्रम में विभिन्न राज्य शहरी नियोजन विभागों और नियोजन संस्थानों द्वारा शहरी नियोजन के क्षेत्र में सर्वोत्तम तौर-तरीकों को दिखाने के लिए एक प्रदर्शनी भी आयोजित की गई। अमृत शहरों के लिए भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) आधारित मास्टर प्लान तैयार करने की उप-योजना के तहत, 77 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं और 2900 अधिकारियों को शहरी नियोजन में भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस) और रिमोट सेंसिंग प्रौद्योगिकी के उपयोग पर प्रशिक्षित किया गया है।
 
यह जानकारी आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री श्री कौशल किशोर ने आज, 31 जुलाई को राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।

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