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भाजपा अपनी तेलंगाना इकाई के लिए नए अध्यक्ष की नियुक्ति की तैयारी कर रही है, ऐसे में भगवा पार्टी के गलियारों में चर्चा है कि कई सांसद और विधायक निजामाबाद के सांसद धर्मपुरी अरविंद की उम्मीदवारी का समर्थन कर रहे हैं। इस पद के लिए एक और उम्मीदवार मलकाजगिरी के सांसद ईटाला राजेंद्र को भी कुछ नेताओं का समर्थन प्राप्त है।
माना जा रहा है कि अरविंद राष्ट्रीय राजधानी में ही रहेंगे और नेतृत्व को इस पद के लिए चुनने के लिए राजी करने की कोशिश करेंगे। एक प्रमुख नेता भी निजामाबाद के सांसद के लिए पद सुरक्षित करने के लिए राष्ट्रीय नेतृत्व के साथ अपने प्रभाव का इस्तेमाल कर रहे हैं। हालांकि, एक अन्य महत्वपूर्ण नेता कथित तौर पर अरविंद की नियुक्ति को रोकने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
‘शक्तिहीन’ निगम प्रमुख पद छोड़ने को तैयार
कुछ निगमों के अध्यक्ष पद छोड़ने को तैयार हैं, क्योंकि उनके पास न तो धन है और न ही अधिकार। गणतंत्र दिवस के अवसर पर राज्य कांग्रेस मुख्यालय गांधी भवन में आयोजित समारोह में यह चर्चा का विषय रहा। ये अध्यक्ष हताश हैं, क्योंकि उन्हें समय पर वेतन नहीं मिल रहा है और उनके संगठनों को भी सरकार से कोई धन नहीं मिल रहा है। अपने राजनीतिक सहयोगियों से ये निराशाजनक कहानियां सुनकर, ऐसे पदों के लिए पैरवी करने वाले लोग अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं।