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कोरबा, छत्तीसगढ़ — केंद्रीय कोयला एवं खनिज मंत्री श्री जी. किशन रेड्डी ने दक्षिण पूर्वी कोलफील्ड्स लिमिटेड (SECL) में एक महत्वपूर्ण समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में कोयला उत्पादन, डिस्पैच, और मौजूदा सुधार प्रक्रियाओं की गहन समीक्षा की गई।
बैठक में कोयला मंत्रालय, कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) और SECL के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। मंत्री ने अधिकारियों के साथ सुरक्षा उपायों, उत्पादन क्षमता, और संचालन की दक्षता बढ़ाने के लिए चर्चा की।
श्री रेड्डी ने कहा कि “कोयला क्षेत्र देश की ऊर्जा सुरक्षा की रीढ़ है। इसलिए जरूरी है कि उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ सुरक्षा और पर्यावरणीय स्थिरता पर भी ध्यान दिया जाए।”
उन्होंने SECL के अधिकारियों को निर्देश दिया कि कोयला डिस्पैच को समयबद्ध और पारदर्शी बनाने के लिए आधुनिक तकनीक का अधिकतम उपयोग किया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि डिजिटल तकनीकों को अपनाकर कामकाज में पारदर्शिता और जवाबदेही लाई जा सकती है।
बैठक के बाद मंत्री ने प्रमुख उद्योग हितधारकों से भी बातचीत की, जिसमें नवाचार, तकनीकी सहयोग और कोयला क्षेत्र में स्थायी विकास के अवसरों पर चर्चा हुई। उन्होंने उद्योग प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वह भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए कोयला उत्पादन को टिकाऊ बनाएं।
श्री रेड्डी ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार कोयला क्षेत्र में निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों की साझेदारी को बढ़ावा दे रही है, जिससे देश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा किया जा सके।