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भारत सरकार के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (MNRE) ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए देश की नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में ऐतिहासिक प्रगति की जानकारी दी है। वर्ष में रिकॉर्ड 29.52 गीगावॉट (GW) नई क्षमता जोड़ी गई, जिससे कुल स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 31 मार्च 2025 तक बढ़कर 220.10 GW हो गई है। यह वृद्धि पिछले वित्तीय वर्ष की 198.75 GW क्षमता से काफी अधिक है।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा निर्धारित 'पंचामृत' लक्ष्यों के तहत भारत 2030 तक 500 GW गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित क्षमता प्राप्त करने की दिशा में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।
सौर ऊर्जा का दबदबा (Solar Energy Drives Growth):
FY 2024-25 में सौर ऊर्जा में सबसे अधिक 23.83 GW की बढ़ोत्तरी हुई, जो पिछले वर्ष की 15.03 GW से काफी अधिक है। अब कुल स्थापित सौर क्षमता 105.65 GW हो गई है, जिसमें 81.01 GW ग्राउंड-माउंटेड, 17.02 GW रूफटॉप, 2.87 GW हाइब्रिड प्रोजेक्ट्स और 4.74 GW ऑफ-ग्रिड सिस्टम से है। इससे स्पष्ट है कि भारत में सौर ऊर्जा की स्वीकार्यता लगातार बढ़ रही है।
पवन ऊर्जा की स्थिर प्रगति (Steady Rise in Wind Installations):
पवन ऊर्जा क्षेत्र में 4.15 GW की नई क्षमता जोड़ी गई है, जिससे कुल पवन ऊर्जा क्षमता अब 50.04 GW हो गई है। FY 2023-24 में यह बढ़त 3.25 GW थी। यह भारत की ऊर्जा विविधता में पवन ऊर्जा के योगदान को दर्शाता है।
बायोएनर्जी और लघु जलविद्युत (Bioenergy & Small Hydro):
बायोएनर्जी की कुल स्थापित क्षमता अब 11.58 GW है, जिसमें से 0.53 GW ऑफ-ग्रिड और वेस्ट-टू-एनर्जी परियोजनाओं से प्राप्त हुई है। लघु जलविद्युत परियोजनाओं की कुल क्षमता 5.10 GW तक पहुंच चुकी है, जबकि 0.44 GW परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं।
भविष्य की योजना (Future Outlook):
भारत में 169.40 GW की नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं, और 65.06 GW की परियोजनाएं टेंडर की गई हैं। इनमें हाइब्रिड सिस्टम्स, राउंड-द-क्लॉक (RTC) पावर, पीकिंग पावर और थर्मल + RE बंडलिंग जैसी आधुनिक तकनीकें शामिल हैं। ये प्रयास देश में ग्रिड स्थिरता और भरोसेमंद बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने की दिशा में हैं।
सरकार की प्रतिबद्धता (Government’s Commitment):
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री प्रह्लाद जोशी के नेतृत्व में MNRE द्वारा कई अहम कदम उठाए जा रहे हैं ताकि प्रधानमंत्री के 2030 तक 500 GW के लक्ष्य को हासिल किया जा सके। भारत का यह निरंतर विकास उसकी जलवायु प्रतिबद्धताओं और ऊर्जा सुरक्षा के लिए सरकार की मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है।