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सरकारी दूरसंचार कंपनी महानगर टेलीफोन निगम लिमिटेड (MTNL) ने एक बार फिर आर्थिक संकट के संकेत देते हुए सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से लिए गए 8346 करोड़ रुपये के ऋण पर डिफॉल्ट कर दिया है। कंपनी ने अपने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में यह जानकारी दी कि उसने मार्च 2025 के दौरान यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, यूको बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक सहित कई बैंकों को भुगतान नहीं किया।
रिपोर्ट के अनुसार, एमटीएनएल ने 7794.34 करोड़ रुपये के मूलधन और 551.90 करोड़ रुपये के ब्याज का भुगतान नहीं किया। कुल डिफॉल्ट राशि में दंडात्मक शुल्क भी शामिल है, जिससे यह बढ़कर 8346.24 करोड़ रुपये हो गई है।
फाइलिंग के अनुसार, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया सबसे बड़ा कर्जदाता है, जिसे एमटीएनएल को 3633 करोड़ रुपये चुकाने हैं। इसके बाद इंडियन ओवरसीज बैंक को 2374 करोड़ और बैंक ऑफ इंडिया को 1077 करोड़ रुपये का भुगतान करना बाकी है।
एमटीएनएल के खातों को अगस्त और सितंबर 2024 में ही गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (NPA) घोषित कर दिया गया था। फरवरी 2025 में इंडियन ओवरसीज बैंक के लिए सबसे हालिया डिफॉल्ट दर्ज किया गया।
कंपनी की कुल वित्तीय देनदारी अब 33568 करोड़ रुपये तक पहुंच गई है, जिसमें 8346 करोड़ रुपये बैंक लोन, 24071 करोड़ रुपये सॉवरेन गारंटी बॉन्ड और 1151 करोड़ रुपये दूरसंचार विभाग (DoT) से ब्याज भुगतान के लिए लिए गए ऋण शामिल हैं।
शेयर बाजार की बात करें तो, एमटीएनएल के शेयर नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) पर गुरुवार को 0.41 प्रतिशत की गिरावट के साथ 43.80 रुपये पर बंद हुए। हालांकि, पिछले 12 महीनों में स्टॉक ने लगभग 25 प्रतिशत की बढ़त दिखाई है, लेकिन 2025 की शुरुआत से अब तक इसमें करीब 13 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।