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भारत की सरकारी ईंधन कंपनी हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड यानी एचपीसीएल अगले दो से तीन वर्षों में लगभग 20 अरब रुपये यानी 231 करोड़ अमेरिकी डॉलर का निवेश करेगी। इस निवेश से देश भर में 24 कम्प्रेस्ड बायोगैस यानी सीबीजी संयंत्र स्थापित किए जाएंगे।
यह परियोजना एचपीसीएल की सहायक कंपनी एचपीसीएल रिन्यूएबल एंड ग्रीन एनर्जी लिमिटेड के माध्यम से क्रियान्वित की जा रही है। कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहित धवन के अनुसार अब तक दो संयंत्र स्थापित किए जा चुके हैं और आने वाले समय में 24 और संयंत्र लगाए जाएंगे। प्रत्येक संयंत्र प्रतिदिन 10 से 15 टन बायोगैस का उत्पादन करेगा और इसके लिए कृषि अवशेष, गोबर, सीवेज जल और अन्य जैविक कचरे का उपयोग किया जाएगा।
यह कदम भारत के 2070 तक नेट जीरो कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। भारत दुनिया के सबसे बड़े ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जकों में शामिल है और अब स्वच्छ ईंधन की ओर तेजी से कदम बढ़ा रहा है।
केंद्र सरकार ने अप्रैल से वाहन और खाना पकाने में उपयोग होने वाली गैस में एक प्रतिशत कम्प्रेस्ड बायोगैस मिलाना अनिवार्य कर दिया है। केंद्रीय तेल मंत्रालय के निदेशक विकास सिंह के अनुसार यह मिश्रण 2028 से 2029 तक पांच प्रतिशत तक बढ़ा दिया जाएगा।
एचपीसीएल का यह निवेश देश में स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देगा और घरेलू कचरे से ऊर्जा बनाने की दिशा में एक सकारात्मक प्रयास साबित होगा।