क्या आप अपना लेख प्रकाशित करना चाहते हैं? तो अभी रजिस्टर करें!
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रोज़गार मेले को संबोधित किया और विभिन्न सरकारी विभागों एवं संगठनों में नवनियुक्त युवाओं को 51,000 से अधिक नियुक्ति पत्र वितरित किए। उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए, उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि आज का दिन भारत सरकार के विभिन्न विभागों में इन युवाओं के लिए नई ज़िम्मेदारियों की शुरुआत का दिन है।
उन्होंने विभिन्न विभागों में अपनी सेवाएँ शुरू करने वाले युवाओं को बधाई दी और इस बात पर ज़ोर दिया कि विभिन्न भूमिकाओं के बावजूद, उनका साझा लक्ष्य "नागरिक प्रथम" के सिद्धांत द्वारा निर्देशित राष्ट्र सेवा है। प्रधानमंत्री ने भारत की जनसांख्यिकीय और लोकतांत्रिक नींव की बेजोड़ ताकत पर ज़ोर दिया। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी और सबसे बड़े लोकतंत्र के साथ, भारत में घरेलू और वैश्विक स्तर पर भविष्य को आकार देने की अद्वितीय क्षमता है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह विशाल युवा शक्ति भारत की सबसे बड़ी पूंजी है और सरकार इस पूंजी को दीर्घकालिक समृद्धि के उत्प्रेरक में बदलने के अपने प्रयासों में दृढ़ है। श्री मोदी ने कहा, "अभी दो दिन पहले ही मैं पाँच देशों की यात्रा से लौटा हूँ। मैंने जिन भी देशों का दौरा किया, वहाँ भारत के युवाओं की शक्ति का ज़ोरदार प्रदर्शन देखने को मिला।
इस यात्रा के दौरान हुए समझौतों से देश-विदेश में भारतीय युवाओं को लाभ होगा।" उन्होंने आगे कहा कि इस यात्रा के दौरान रक्षा, फार्मास्यूटिकल्स, डिजिटल तकनीक, ऊर्जा और दुर्लभ मृदा खनिजों जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में हुए विभिन्न समझौतों से दूरगामी लाभ होंगे। श्री मोदी ने आगे कहा, "ये पहल न केवल भारत की वैश्विक आर्थिक स्थिति को मज़बूत करेंगी, बल्कि विनिर्माण और सेवा क्षेत्र में युवा भारतीयों के लिए सार्थक अवसर भी पैदा करेंगी।" रोज़गार के उभरते परिदृश्य पर बात करते हुए, प्रधानमंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि 21वीं सदी में रोज़गार की प्रकृति में तेज़ी से बदलाव आ रहा है। नवाचार, स्टार्टअप और अनुसंधान के महत्व पर ज़ोर देते हुए, उन्होंने भारत में उस विकसित होते पारिस्थितिकी तंत्र की बात की जो युवाओं को बड़े सपने देखने के लिए सशक्त बनाता है। उन्होंने नई पीढ़ी पर अपने व्यक्तिगत गर्व और विश्वास को साझा किया और युवाओं को महत्वाकांक्षा, दूरदर्शिता और कुछ नया रचने की प्रबल इच्छा के साथ आगे बढ़ते देखकर खुशी व्यक्त की। श्री मोदी ने कहा कि भारत सरकार निजी क्षेत्र में रोज़गार के नए अवसर पैदा करने पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है। हाल ही में, सरकार ने रोज़गार से जुड़ी प्रोत्साहन योजना नामक एक नई योजना को मंज़ूरी दी है।
इस योजना के तहत, सरकार निजी क्षेत्र में अपनी पहली नौकरी पाने वाले युवाओं को 15,000 रुपये प्रदान करेगी। श्री मोदी ने कहा, "दूसरे शब्दों में, सरकार उनकी पहली नौकरी के पहले वेतन में योगदान देगी। इसके लिए सरकार ने लगभग 1 लाख करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। इस योजना से लगभग 3.5 करोड़ नए रोज़गार सृजित होने की उम्मीद है।" प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय विकास को गति देने, रोज़गार सृजन करने और दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में भारत की यात्रा को गति देने में भारत के विनिर्माण क्षेत्र की परिवर्तनकारी शक्ति पर ज़ोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि हाल के वर्षों में मेक इन इंडिया पहल को काफ़ी मज़बूती मिली है। अकेले पीएलआई (उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन) योजना के ज़रिए ही देश भर में 11 लाख से ज़्यादा रोज़गार सृजित हुए हैं। मोबाइल फ़ोन और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में अभूतपूर्व विस्तार हुआ है।
श्री मोदी ने कहा, "आज भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण लगभग 11 लाख करोड़ रुपये का है, जो पिछले 11 वर्षों में पाँच गुना से भी अधिक की वृद्धि दर्शाता है। इससे पहले, देश में मोबाइल फ़ोन बनाने वाली केवल 2 से 4 इकाइयाँ थीं। आज, भारत में मोबाइल फ़ोन निर्माण से संबंधित लगभग 300 इकाइयाँ हैं, जो लाखों युवाओं को रोज़गार दे रही हैं।"
प्रधानमंत्री ने रक्षा विनिर्माण में भारत के वैश्विक अग्रणी के रूप में उभरने का भी ज़िक्र किया, जिसका उत्पादन 1.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। उन्होंने दुनिया के सबसे बड़े लोकोमोटिव निर्माता के रूप में भारत के उभरने और लोकोमोटिव, रेल डिब्बों और मेट्रो डिब्बों में देश के मज़बूत निर्यात प्रदर्शन की सराहना की। उन्होंने कहा कि ऑटोमोबाइल क्षेत्र ने केवल पाँच वर्षों में 40 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित किया है, जिसके परिणामस्वरूप नए कारखाने, नए रोज़गार के अवसर और रिकॉर्ड वाहन बिक्री हुई है। प्रधानमंत्री ने भारत की कल्याणकारी पहलों के दूरगामी प्रभावों पर ज़ोर दिया और अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) की एक हालिया रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें पुष्टि की गई है कि पिछले एक दशक में 90 करोड़ से ज़्यादा भारतीय नागरिकों को सरकारी कल्याणकारी योजनाओं के अंतर्गत लाया गया है। उन्होंने कहा कि ये योजनाएं केवल कल्याणकारी लाभों तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि इन्होंने बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन में, विशेषकर ग्रामीण भारत में, महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
प्रधानमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना जैसे प्रमुख कार्यक्रमों के बारे में विस्तार से बताया, जिसके तहत 4 करोड़ पक्के घर बनाए जा चुके हैं और 3 करोड़ और निर्माणाधीन हैं। स्वच्छ भारत अभियान के तहत 12 करोड़ शौचालयों के निर्माण से प्लंबर और निर्माण श्रमिकों को रोज़गार मिला है, जबकि उज्ज्वला योजना के तहत प्रदान किए गए 10 करोड़ से ज़्यादा एलपीजी कनेक्शनों से बॉटलिंग इंफ्रास्ट्रक्चर और वितरण नेटवर्क का विस्तार हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप हज़ारों वितरण केंद्र और लाखों नए रोज़गार सृजित हुए हैं।
“प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ़्त बिजली योजना, जो छत पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने के लिए प्रति परिवार 75,000 रुपये से अधिक की पेशकश करती है, घरेलू बिजली बिलों को कम कर रही है और तकनीशियनों, इंजीनियरों और सौर पैनल निर्माताओं के लिए रोज़गार के अवसर पैदा कर रही है। नमो ड्रोन दीदी ने ग्रामीण महिलाओं को ड्रोन पायलट के रूप में प्रशिक्षित करके उन्हें सशक्त बनाया है”, श्री मोदी ने आगे कहा। श्री मोदी ने कहा कि देश 3 करोड़ लखपति दीदी बनाने के अपने मिशन पर भी आगे बढ़ रहा है और 1.5 करोड़ महिलाएं पहले ही यह उपलब्धि हासिल कर चुकी हैं। बैंक सखी, बीमा सखी, कृषि सखी और पशु सखी जैसी विभिन्न योजनाओं ने महिलाओं को स्थायी रोज़गार पाने में सक्षम बनाया है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना ने रेहड़ी-पटरी वालों और फेरीवालों को औपचारिक सहायता प्रदान की है, जिससे लाखों लोग मुख्यधारा की आर्थिक गतिविधियों में शामिल हुए हैं। साथ ही, प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना प्रशिक्षण, उपकरण और ऋण तक पहुँच के माध्यम से पारंपरिक कारीगरों, शिल्पकारों और सेवा प्रदाताओं को पुनर्जीवित कर रही है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर ज़ोर दिया कि इन असंख्य योजनाओं का ही प्रभाव है कि पिछले दस वर्षों में 25 करोड़ लोग गरीबी से बाहर आ पाए हैं।
श्री मोदी ने कहा, "रोज़गार के अवसरों के बिना ऐसा परिवर्तन संभव नहीं होता। यही कारण है कि आज विश्व बैंक जैसी प्रमुख वैश्विक संस्थाएँ भारत की प्रशंसा कर रही हैं। भारत अब दुनिया के उन शीर्ष देशों में गिना जा रहा है जहाँ समानता का स्तर सबसे ऊँचा है।" प्रधानमंत्री ने वर्तमान दौर को विकास का महायज्ञ, गरीबी उन्मूलन और रोज़गार सृजन के लिए समर्पित एक राष्ट्रीय मिशन बताया और देश के युवाओं और नई सरकार में नियुक्त लोगों से इस मिशन को नई ऊर्जा और समर्पण के साथ आगे बढ़ाने का आह्वान किया। अपने संबोधन के समापन पर प्रधानमंत्री ने प्रत्येक नागरिक को ईश्वर मानने के "नागरिक देवो भव" के मार्गदर्शक सिद्धांत का आह्वान किया तथा नवनियुक्त सदस्यों को सार्वजनिक सेवा में उज्ज्वल और सार्थक भविष्य के लिए हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दीं।
पृष्ठभूमि रोज़गार सृजन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता के अनुरूप, 16वां रोज़गार मेला देश भर में 47 स्थानों पर आयोजित किया जाएगा। यह रोज़गार मेला युवाओं को सशक्त बनाने और राष्ट्र निर्माण में उनकी भागीदारी के लिए सार्थक अवसर प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। देश भर में आयोजित रोज़गार मेलों के माध्यम से अब तक 10 लाख से अधिक भर्ती पत्र जारी किए जा चुके हैं। देश भर से चयनित नए कर्मचारी रेल मंत्रालय, गृह मंत्रालय, डाक विभाग, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, वित्तीय सेवा विभाग, श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय सहित अन्य विभागों और मंत्रालयों में शामिल होंगे।