अवसंरचना वित्त सचिवालय, आर्थिक कार्य विभाग ने भोपाल में अवसंरचना आउटरीच कार्यशाला का किया आयोजन

Fri , 26 May 2023, 2:54 pm
अवसंरचना वित्त सचिवालय, आर्थिक कार्य विभाग ने भोपाल में अवसंरचना आउटरीच कार्यशाला का किया आयोजन
अवसंरचना वित्त सचिवालय, आर्थिक कार्य विभाग ने भोपाल में अवसंरचना आउटरीच कार्यशाला का किया आयोजन

नई दिल्ली : अवसंरचना वित्त सचिवालय (आईएफएस), आर्थिक कार्य विभाग, वित्त मंत्रालय, भारत सरकार ने मध्य प्रदेश सरकार के साथ साझेदारी में 24 और 25 मई 2023 को भोपाल में अवसंरचना आउटरीच कार्यशाला का आयोजन किया। राज्य सरकारों एवं केंद्र शासित प्रदेशों और प्रमुख केंद्रीय अवसंरचना मंत्रालयों के साथ मिलकर तय की गई आउटरीच कार्यशालाओं की श्रृंखला में यह चौथी कार्यशाला है, जिसका उद्देश्य बड़ी अवसंरचना परियोजनाओं को शुरू करने में परियोजना प्रायोजक प्राधिकरणों द्वारा सामना की जाने वाले जमीनी समस्‍याओं को सही ढंग से समझना है।
 
इस दो दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन मुख्य अतिथि श्री अजीत केसरी, अपर मुख्य सचिव-वित्त, मध्य प्रदेश सरकार ने किया, जिन्होंने नागरिकों की जरूरतों और आकांक्षाओं को सही ढंग से समझकर और चिन्हित आवश्‍यकताओं को प्राथमिकता देकर अवसंरचना के विकास के लिए दीर्घकालिक विजन विकसित करने पर विशेष जोर दिया। संसाधनों के इष्टतम उपयोग के लिए उपलब्ध मॉडलों को चुनौती देना और विकल्पों की तलाश करना अत्‍यंत आवश्‍यक है।
 
इस कार्यशाला में मध्य प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और दादरा व नगर हवेली एवं दमन व दीव की राज्य सरकारों के 60 से भी अधिक वरिष्ठ अधिकारियों के साथ-साथ प्रमुख केंद्रीय अवसंरचना मंत्रालयों, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच), आवास और शहरी कार्य मंत्रालय (एमओएचयूए) और स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय (एमओएचएफडब्ल्यू) के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। इस कार्यशाला की थीम अवसंरचना के विकास और इसके वित्तपोषण के लिए प्रमुख फोकस क्षेत्रों के चर्चाओं पर केंद्रित थी। चुनौतियों और संभावित समाधानों एवं अवसंरचना के विकास में निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करने की आवश्कताओ पर भी चर्चा की गई।

यह भी पढ़ें : टैक्सरिप्लाई ऑनलाइन जीएसटी लाइब्रेरी में एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) लागू करने जा रहा है।

श्री सोलोमन अरोकियाराज, संयुक्त सचिव, डीईए ने देश में अवसंरचना के विकास से संबंधित चुनौतियों और संभावित समाधानों पर विचार-विमर्श करने के लिए केंद्र और राज्य के सरकारी अधिकारियों के साथ-साथ निजी हितधारकों को भी एक ही मंच पर लाने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए संदर्भ निर्धारित किया।
 
मध्य प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, राजस्थान, केंद्र शासित प्रदेशों दादरा व नगर हवेली, दमन और दीव के वरिष्ठ अधिकारियों के प्रतिनिधियों के अलावा भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी), नेशनल इन्वेस्टमेंट एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड लिमिटेड (एनआईआईएफ), एसबीआई कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड, अंतरराष्ट्रीय वित्त निगम (आईएफसी), और एनआईआईएफ इन्फ्रास्ट्रक्चर फाइनेंस लिमिटेड (एनआईआईएफ-आईएफएल) के प्रतिनिधियों ने भी अवसंरचना परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिए ऋणदाताओं के दृष्टिकोण को सामने प्रस्तुत करने के लिए इस कार्यशाला में भाग लिया। केपीएमजी और आईएफसी ने अवसंरचना परियोजनाओं में निवेश के प्रति निजी क्षेत्र के दृष्टिकोण और निजी क्षेत्र की आम आशंकाओं को सामने रखा।
 
श्री बलदेव पुरुषार्थ, संयुक्त सचिव, डीईए ने भारत सरकार की आईआईपीडीएफ और वीजीएफ योजनाओं के बारे में जानकारी दी, ताकि परियोजना तैयार करने और अवसंरचना परियोजनाओं को व्यवहार्य या लाभप्रद बनाने के लिए वित्त की कमी के अंतर को पाटने में परियोजना प्रायोजक प्राधिकरणों को आवश्‍यक सहयोग दिया जा सके। 

यह भी पढ़ें : मलावी के संसदीय प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति से मुलाकात की

इस कार्यशाला के पहले दिन शहरी एवं सामाजिक अवसंरचना और राज्यों के लिए पीपीपी नीति की आवश्यकता पर पैनल परिचर्चा हुई, जिसके बाद बीआईएसएजी एन द्वारा गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के कार्यान्वयन, इन्वेस्ट इंडिया और डीईए द्वारा राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (एनआईपी) पर कई सत्र आयोजित किए गए। प्रमुख संस्थानों के साथ साझेदारी में फि‍लहाल जारी क्षमता निर्माण पहलों पर भी प्रकाश डाला गया। 
 
दूसरा दिन संसाधन जुटाने और अवसंरचना के वित्तपोषण पर केंद्रित था। कार्यशाला के दौरान सावधि ऋणों एवं दीर्घावधि पूंजी के साथ-साथ म्युनिसिपल बॉन्ड्स और इनविट्स जैसे उभरते वैकल्पिक वित्त संरचित प्रपत्रों के माध्यम से परियोजना वित्तपोषण पर चर्चा की गई। 
 
इस कार्यशाला का उद्देश्य केंद्र और राज्य के सरकारी अधिकारियों, निजी क्षेत्र के विशेषज्ञों और अवसंरचना क्षेत्र से जुड़े शिक्षाविदों को विभिन्न योजनाओं, वित्तीय प्रपत्रों और भारत में अवसंरचना संबंधी रुझानों पर जागरूकता बढ़ाकर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच संवाद शुरू करने के लिए एक साझा मंच पर लाना था। डीईए द्वारा तय की गई राज्य आउटरीच कार्यशाला की श्रृंखला में यह चौथी कार्यशाला थी। पिछली कार्यशाला का आयोजन वर्ष 2022 में वाराणसी में किया गया था।

यह भी पढ़ें : भारत सरकार के खातों की मासिक समीक्षा; पढ़िए क्या है पूरी ख़बर
मंत्रालय
Scroll To Top