जेईई (मेन्स) परीक्षा धोखाधड़ी मामले में सीबीआई ने एफिनिटी एजुकेशन के निदेशकों, कर्मचारियों को लिया शिकन्जे में।

Sat , 04 Sep 2021, 9:42 am
जेईई (मेन्स) परीक्षा धोखाधड़ी मामले में सीबीआई ने एफिनिटी एजुकेशन  के निदेशकों, कर्मचारियों को लिया शिकन्जे में।
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नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने गुरुवार (2 सितंबर) को एक निजी संस्थान और उसके सदस्यों के खिलाफ जेईई मेन ऑनलाइन परीक्षा में कथित रूप से हेरफेर करने का मामला दर्ज किया।
 
एफिनिटी एजुकेशन प्राइवेट लिमिटेड, इसके निदेशक सिद्धार्थ कृष्णा, विश्वंभर मणि त्रिपाठी, गोविंद वार्ष्णेय, तीन कर्मचारियों और अन्य व्यक्तियों पर एक रैकेट चलाने का आरोप लगाया गया है, जिसमें वे ऑनलाइन परीक्षा के दौरान रिमोट एक्सेस के माध्यम से अपने प्रश्न पत्र हल करने के बदले छात्रों से पैसे लेते हैं। 
 
कई लोगों की तलाशी लेने और पूछताछ करने के बाद, CBI  ने कृष्णा और त्रिपाठी को चार कर्मचारियों - ऋतिक सिंह, अंजुम दाऊदानी, अनिमेष कुमार सिंह, अजिंक्य नरहरि पाटिल और एक अन्य, रंजीत सिंह ठाकुर के साथ गिरफ्तार किया।
 
 सीबीआई ने एक बयान में कहा- कंपनी और उसके निदेशक जेईई (मेन्स) की ऑनलाइन परीक्षा में हेरफेर कर रहे थे और इच्छुक छात्रों को सोनीपत में एक चुने हुए परीक्षा केंद्र से रिमोट एक्सेस के माध्यम से आवेदक के प्रश्न पत्र को हल करके बड़ी राशि के विचार में शीर्ष एनआईटी में प्रवेश पाने की सुविधा प्रदान कर रहे थे।
 
एजेंसी ने आरोप लगाया कि आरोपी देश के विभिन्न हिस्सों में इच्छुक छात्रों से 10वीं और 12वीं की मार्कशीट, यूजर आईडी, पासवर्ड और पोस्ट डेटेड चेक सुरक्षा के तौर पर हासिल करते थे और एक बार दाखिले के बाद वे प्रत्येक उम्मीदवार से 12-15 लाख भारी रकम वसूल करते थे।
 
इस मामले में अबतक सीबीआई ने दिल्लीतथा एनसीआर, पुणे, जमशेदपुर, इंदौर और बैंगलोर सहित 19 स्थानों पर तलाशी ली, जिसमें 25 लैपटॉप, सात कंप्यूटर, लगभग 30 पोस्ट-डेटेड चेक के साथ-साथ भारी मात्रा में आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए।

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