66-मेगावॉट धौलासिध जल विद्युत परियोजना के लिए निवेश प्रस्ताव को भारत सरकार की मन्ज़ूरी।

Fri , 02 Oct 2020, 12:54 pm

नई दिल्ली: भारत सरकार द्वारा अनुमोदित 66-मेगावॉट धौलासिध हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट के लिए निवेश प्रस्ताव। एसजेवीएन के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री नंद लाल शर्मा ने बताया कि 66 मेगावाट के धौलाध्वज हाइड्रो इलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट के लिए भारत सरकार द्वारा 687 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इसमें इंफ्ररास्ट्राकचर को सक्षम करने के लिए भारत सरकार से 21.6 करोड़ रुपये का बजटीय समर्थन शामिल है।    
 
श्री शर्मा ने कहा, इस परियोजना की शुरुआत 27 अक्टूबर 2008 को की गई थी, जब शुरू में इस परियोजना के विकास के लिए एसजेवीएन और हिमाचल प्रदेश सरकार के बीच सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किए गए थे। इसके बाद 25 सितंबर 2019 को माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा निवेशक से मुलाकात के दौरान, स्टैंड अलोन आधार पर इस परियोजना के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए। 
 
श्री एन एल शर्मा ने उल्लेख किया कि यह एसजेवीएन के लिए बहुत गर्व और ऐतिहासिक उपलब्धि का विषय है, कि परियोजना की निर्माण गतिविधियों की शुरुआत के लिए सभी आवश्यक स्वीकृतियां और मंजूरी एक रिकॉर्ड समय में प्राप्त हुई हैं। श्री शर्मा ने माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी को उनके मार्गदर्शन और आशीर्वाद के लिए विशेष रूप से आभार व्यक्त किया। श्री शर्मा ने कहा कि उपरोक्त केवल श्री आरके सिंह, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एमएनआरई, श्री जय राम ठाकुर, हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री और हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री प्रेम कुमार धूमल के समर्थन से ही प्राप्त किया जा सका है। श्री एनएल शर्मा ने उल्लेख किया कि वित्त राज्य मंत्री श्री अनुराग ठाकुर ने परियोजना के लिए समय पर मंजूरी की सुविधा के लिए सबसे अमूल्य सहायता समर्पित की, जिसके लिए एसजेवीएन शाश्वत रूप से आभारी रहेगा।
 
श्री एन.एल. शर्मा ने बताया कि यह परियोजना हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर के सुजानपुर से लगभग 10 किलोमीटर नीचे धुलसिध में ब्यास नदी पर नदी योजना का एक भाग है। परियोजना की मुख्य विशेषताएं: ठोस गुरुत्व बांध, 70 मीटर ऊंचा 195 मीटर लंबा है, डैम लगभग 20 किलोमीटर का जलाशय बनायेगा, 161 क्यूमेक्स के डिस्चार्ज को डैम बॉडी में रखे गए दो इंटेक्स के जरिए इस्तेमाल किया जाएगा, जो कि 4.3 मीटर व्यास और 62 मीटर लंबे दो पेनस्टॉक से गुजरने के बाद टरबाइन में प्रवेश करेगा।
 
श्री शर्मा ने बताया कि डैम टो पावर हाउस ब्यास नदी के बाएं किनारे पर स्थित होगी, जिसमें 33 मेगावाट क्षमता की दो उत्पादक इकाइयों की पूरी मशीनें होंगी। परियोजना से प्रतिवर्ष 304 मिलियन यूनिट ऊर्जा का उत्पादन होगा। श्री शर्मा ने आश्वासन दिया कि एसजेवीएन इस परियोजना को 54 महीनों में पूरा करेगा और इससे 1000 व्यक्तियों के लिए रोजगार पैदा होगा।
 
ग्रिड में मूल्यवान अक्षय ऊर्जा जोड़ने के अलावा, यह पूरा होने पर सालाना पर्यावरण से 2.4 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड कम करेगा। प्रोजेक्ट कमीशन पर एमओयू के अनुसार हिमाचल प्रदेश को मुफ्त बिजली से लाभान्वित किया जाएगा। कमीशन के बाद परियोजना, 10 साल तक प्रभावित परिवारों को परियोजना के लिए प्रति माह 100 यूनिट बिजली मुफ्त प्रदान करेगी।
 
इसके साथ SJVN ने 24X7 "POWER TO ALL" के विज़न में योगदान देकर एक और उपलब्धि प्राप्त की है।

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