सीएसआर एंड सस्टेनेबिलिटी कॉन्क्लेव’में एसईसीएल ने स्टॉल व लाइव मॉडल के ज़रिए दी गतिविधियों की प्रस्तुति

Mon , 09 May 2022, 10:46 am
सीएसआर एंड सस्टेनेबिलिटी कॉन्क्लेव’में एसईसीएल ने स्टॉल व लाइव मॉडल के ज़रिए दी गतिविधियों की प्रस्तुति
SECL presented activities through stall at CSR n Sustainability Conclave

NEW DELHI- कोल इंडिया लिमिटेड भारत में कॉर्पोरेट सोशल रिस्पान्सबिलिटी (सीएसआर) कार्यों पर खर्च करने वाली तीसरी सबसे बड़ी कंपनी है। कोल इंडिया के निदेशक (कार्मिक) श्री विनय रंजन ने कोल इंडिया द्वारा आयोजित पहले सीएसआर एंड सस्टेनेब्लिटी कॉन्क्लेव के दौरान यह बात कही। कॉन्क्लेव का आयोजन कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनी सीसीएल, रांची में 6 एवं 7 मई के दौरान हुआ। 
 
देश में हो रहे सीएसआर कार्यों और उनसे जुड़ी नई संभावनाओं पर चर्चा और विचारों को साझा करने के उद्देश्य से आयोजित इस कॉन्क्लेव में कहा गया कि कोल इंडिया ने पिछले तीन वर्षों के दौरान सीएसआर कार्यों पर लगभग 1600 करोड़ रुपए खर्च किए हैं, जो इन कार्यों पर खर्च किए जाने के लिए तय 1284 करोड़ रुपये के वैधानिक प्रावधानों से 25% अधिक है। कोविड से देशव्यापी लड़ाई में भी कोल इंडिया ने 500 करोड़ रुपए से अधिक धनराशि खर्च की है।         
 
अगर कोल इंडिया की सबसे बड़ी कम्पनियों में से एक एसईसीएल की बात करें तो वर्ष 2014-15 से 2021-22 तक एसईसीएल ने समग्र रूप से लगभग 733.87 करोड़ रुपए का व्यय किया है जिसमें सैनिटेशन एवं स्वच्छता से जुड़े विषयों पर सर्वाधिक 268 करोड़ रुपए (लगभग) खर्च किए गए हैं, वहीं ग्रामीण विकास में लगभग  128  करोड़, शिक्षा में  लगभग 47 करोड़ रुपए तथा कोविड सहित स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास हेतु लगभग 148  करोड़ रुपए का व्वय शामिल है। 
 
कोरबा ज़िले जहां कम्पनी के मेगा प्रोजेक्ट्स अवस्थित हैं, कम्पनी ने 31 गाँवों में 5368 टॉयलेट्स बनवाएँ हैं जिससे ज़िले को ओडीएफ़ (ODF) घोषित करने में सहायता मिली। 
 
इसी प्रकार, नक्सल प्रभावित बीजापुर ज़िले में छात्र-छात्रों के लिए आवासीय हॉस्टल, बिलासपुर में अंग्रेज़ी माध्यम स्कूलों में इन्फ़्रस्ट्रक्चर, सिम्स बिलासपुर तथा गवर्न्मेंट मेडिकल कॉलेज अम्बिकापुर में एमआरआई व सीटी स्क़ैन मशीन की सहायता दी गई है।    
 
कोल इंडिया ने अपने कुल सीएसआर व्यय का 60% स्वास्थ्य एंव स्वच्छता के कार्यों पर खर्च किया है और कंपनी अभी तक 10,000 से अधिक युवाओं का रोजगार परक कौशल विकास कर चुकी है। कोरोना महामारी के दौरान ऑक्सीजन की किसी भी संभावित कमी को दूर करने के लिए कोल इंडिया ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान देश के अलग-अलग हिस्सों में 28 अस्पतालों में कुल 31 ऑक्सीजन प्लांट्स स्वयं स्थापित किए या उनकी स्थापना के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई है।
 
फिलहाल कोल इंडिया देश के 8 राज्यों के 34 जिलों में काम कर रही है। इनमें से 24 जिले आकांक्षी जिले हैं, जहां कोल इंडिया भारत सरकार के ‘आकांक्षी जिला कार्यक्रम’ के तहत त्वरित एवं समग्र विकास के कई कार्यक्रम चला रही है।
 
कॉन्क्लेव में कोल इंडिया और दूसरी पीएसयू कंपनियों एवं संस्थानों से 250 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। कॉन्क्लेव में सीसीएल सीएमडी श्री पी.एम. प्रसाद, कोल इंडिया के निदेशक (कार्मिक) श्री विनय रंजन, कार्यकारी निदेशक (सामुदायिक विकास) श्री बी. साई राम सहित सीएसएस कार्यों से जुडे देश की नामचीन शख्सियतों ने हिस्सा लिया। 
 
सीएसआर प्रदर्शनी एवं अवार्ड्स 
 
कॉन्क्लेव के दौरान कोल इंडिया की सभी अनुषंगी कंपनियों द्वारा सीएसआर कार्यों को दर्शाने वाली एक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया।
 
कॉन्क्लेव के दौरान कोल इंडिया की अनुषंगी कंपनियों को उत्कृष्ट सीएसआर कार्यों के लिए सीएसआर अवार्ड्स भी दिए गए। एसईसीएल की सीएसआर प्रदर्शनी को सबने सराहा।

यह भी पढ़ें : टैक्सरिप्लाई ऑनलाइन जीएसटी लाइब्रेरी में एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) लागू करने जा रहा है।
सी एस आर
Scroll To Top