दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास , चार प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों कोजोड़ने वाले अमृतसर-ऊना खंड का चार-लेन में किया जाएगा अपग्रेडेशन

Wed , 05 Jan 2022, 11:33 am
दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे का शिलान्यास , चार प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों कोजोड़ने वाले अमृतसर-ऊना खंड का चार-लेन में  किया जाएगा अपग्रेडेशन
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SRINAGAR-प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 5 जनवरी, 2022 को फिरोजपुर, पंजाब का दौरा करेंगे और दोपहर लगभग 1 बजे 42,750 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न विकास परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे। 
 
इन परियोजनाओं में दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे; अमृतसर-ऊना खंड को चार-लेन में बदलना; मुकेरियां-तलवाड़ा नयी बड़ी रेलवे लाइन; फिरोजपुर में पीजीआई सैटेलाइट सेंटर तथा कपूरथला और होशियारपुर में दो नए मेडिकल कॉलेज शामिल हैं।
 
पूरे देश में कनेक्टिविटी में सुधार के लिए प्रधानमंत्री के निरंतर प्रयास से पंजाब राज्य में कई राष्ट्रीय राजमार्गों के विकास की शुरुआत हुई है। इसके परिणामस्वरूप राज्य में राष्ट्रीय राजमार्गों की कुल लंबाई 2014 के लगभग 1700 किलोमीटर से बढ़कर 2021 में 4100 किलोमीटर से अधिक हो गई है। 
 
इस तरह के प्रयासों को जारी रखते हुए पंजाब में दो प्रमुख सड़क गलियारों की आधारशिला रखी जाएगी। प्रमुख धार्मिक केंद्रों तक पहुंच बढ़ाने के प्रधानमंत्री के विजन को पूरा करने की दिशा में भी यह एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा।
 
लगभग 39,500 करोड़ रुपये की कुल लागत से 669 किलोमीटर लंबे दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे को विकसित किया जाएगा। यह दिल्ली से अमृतसर और दिल्ली से कटरा की यात्रा में लगनेवाले समय को आधा कर देगा। 
 
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे, प्रमुख सिख धार्मिक स्थलों- सुल्तानपुर लोधी, गोइंदवाल साहिब, खडूर साहिब, तरनतारन और कटरा स्थित वैष्णो देवी के पवित्र हिंदू मंदिर को आपस में जोड़ेगा। 
 
एक्सप्रेस-वे, तीन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों- हरियाणा, चंडीगढ़, पंजाब और जम्मू और कश्मीर के अंबाला, चंडीगढ़, मोहाली, संगरूर, पटियाला, लुधियाना, जालंधर, कपूरथला, कठुआ और सांबा जैसे प्रमुख आर्थिक केंद्रों को भी जोड़ेगा।
 
लगभग 1700 करोड़ रुपये की लागत से अमृतसर-ऊना खंड को चार-लेन का बनाया जाएगा। कुल 77 किलोमीटर लंबा यह खंड उत्तरी पंजाब और हिमाचल प्रदेश के बीच लंबवत विस्तार में फैले वृहद अमृतसर से भोटा कॉरिडोर का हिस्सा है, जो चार प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों- यानी अमृतसर-भटिंडा-जामनगर आर्थिक कॉरिडोर, दिल्ली-अमृतसर-कटरा एक्सप्रेस-वे, उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर और कांगड़ा-हमीरपुर-बिलासपुर-शिमला कॉरिडोर– को जोड़ता है। 
 
यह घोमन, श्री हरगोबिंदपुर और पुलपुक्ता शहर (प्रसिद्ध गुरुद्वारा पुलपुक्ता साहिब का स्थान) में स्थित धार्मिक स्थलों के लिए आवागमन को बेहतर करने में मदद करेगा।प्रधानमंत्री 410 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से मुकेरियां और तलवाड़ा के बीच बनने वाली लगभग 27 किलोमीटर लंबी एक नई ब्रॉड गेज रेलवे लाइन की आधारशिला रखेंगे। 
 
यह रेल लाइन नंगल बांध-दौलतपुर चौक रेलवे खंड का विस्तार होगी। इससे इस इलाके में सभी मौसम में आवागमन लायक परिवहन का साधन उपलब्ध होगा। इस परियोजना का सामरिक महत्व भी  है क्योंकि यह मुकेरियां में मौजूदा जालंधर-जम्मू रेलवे लाइन से जुड़कर जम्मू एवं कश्मीर के लिए एक वैकल्पिक मार्ग के रूप में काम करेगी। 
 
यह परियोजना पंजाब के होशियारपुर और हिमाचल प्रदेश के ऊना के लोगों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद साबित होगी। इससे इस इलाके में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और हिल-स्टेशनों के साथ-साथ धार्मिक महत्व के स्थानों के लिए आसान संपर्क (कनेक्टिविटी) सुविधा भी उपलब्ध होगी।
 
देश के सभी हिस्सों में विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं मुहैया कराने के प्रधानमंत्री के प्रयासों के तहत पंजाब के तीन शहरों में नई चिकित्सा अवसंरचना का शिलान्यास किया जाएगा। फिरोजपुर में 490 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 100 बिस्तरों वाला पीजीआई सैटेलाइट सेंटर बनाया जाएगा। 
 
यह केन्द्र आंतरिक चिकित्सा (इंटरनल मेडिसिन), शल्य-चिकित्सा (जनरल सर्जरी), हड्डी रोग, प्लास्टिक सर्जरी, न्यूरोसर्जरी, प्रसूति एवं स्त्री-रोग, बाल चिकित्सा, नेत्र-रोग (ऑप्थल्मोलॉजी), कान, नाक एवं गला रोग और मनोरोग चिकित्सा–नशा मुक्ति (साइकियाट्री-ड्रग डी-एडिक्शन) सहित 10 विशिष्ट क्षेत्रों में अपनी सेवाएं प्रदान करेगा। यह उपग्रह केन्द्र फिरोजपुर और आसपास के क्षेत्रों में विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करेगा।
 
कपूरथला और होशियारपुर में लगभग 325 करोड़ रुपये की लागत से लगभग 100 सीटों की क्षमता वाले दो मेडिकल कॉलेज विकसित किए जायेंगे। इन कॉलेजों को केन्द्र प्रायोजित योजना ‘जिला/रेफरल अस्पतालों से जुड़े नए मेडिकल कॉलेजों की स्थापना’ के तीसरे चरण में मंजूरी दी गई है।
 
इस योजना के तहत पंजाब के लिए कुल तीन मेडिकल कॉलेज स्वीकृत किए गए हैं। इस योजना के प्रथम चरण में एसएएस नगर के लिए स्वीकृत किए गए कॉलेज में कामकाज पहले ही शुरू हो चुका है।

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