केंद्र ने असंगठित श्रमिकों का राष्ट्रीय डेटाबेस लॉन्च किया, जानिए विवरण यहाँ।

Sat , 28 Aug 2021, 1:40 pm
केंद्र ने असंगठित श्रमिकों का राष्ट्रीय डेटाबेस लॉन्च किया, जानिए विवरण यहाँ।
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केंद्र सरकार  ने आज गुरुवार 26 अगस्त को  असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का डेटाबेस बनाए रखने के उद्देश्य से ई-श्रम पोर्टल लॉन्च किया। श्रम मंत्रालय ने इसकी जानकारी देते हुए ट्वीट किया कि देश भर में 38 करोड़ से अधिक असंगठित श्रमिकों को विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं से जोड़ने के लिए ई-श्रम पोर्टल शुरू किया गया है।
 
श्रम एवं रोजगार मंत्री भूपेंद्र यादव ने ई-श्रम पोर्टल के लिए लोगो का अनावरण करते हुए आज कहा कि असंगठित श्रमिकों की लक्षित पहचान एक बहुत ही आवश्यक कदम है और यह पोर्टल हमारे राष्ट्र निर्माताओं का राष्ट्रीय डेटाबेस होगा। हमारे 'श्रम योगी', कल्याणकारी योजनाओं को उनके दरवाजे तक ले जाने में मदद करेंगे, जो हमारे राष्ट्र के निर्माता हैं।
 
सभी ट्रेड यूनियन नेताओं ने इस कदम का स्वागत किया है और ई-श्रम पोर्टल के सफल लॉन्च और कार्यान्वयन के लिए अपना पूरा समर्थन दिया है।
 
केंद्रीय मंत्री ने संघ के नेताओं को उनके मूल्यवान और रचनात्मक सुझावों के लिए धन्यवाद दिया और जोर दिया कि तेजी से पंजीकरण, फील्ड स्तर पर कार्यान्वयन और पोर्टल को असंगठित श्रमिकों तक ले जाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका है।
 
श्रम मंत्रालय ने ट्वीट कर कहा कि @LabourMinistry ने ई-श्रम पोर्टल पर असंगठित श्रमिकों के पंजीकरण के लिए लगभग ₹404 करोड़ के बजट को मंजूरी दी है।
 
 किसी भी  असंगठित श्रमिकों को पोर्टल पर पंजीकरण के लिए कोई पैसा खर्च नहीं करना पड़ेगा - संघ राज्य मंत्री- रामेश्वर तेली।
 
सरकार श्रमिकों को ई-श्रम कार्ड भी प्रदान करेगी।
 
ई- श्रम पोर्टल-
 
केंद्र सरकार के अनुसार, श्रमिक अपने संबंधित आधार कार्ड नंबर और बैंक खाते के विवरण की मदद से पोर्टल के लॉन्च होने के कुछ समय बाद ही पोर्टल पर अपना पंजीकरण करा सकेंगे।
 
श्रमिकों को अन्य महत्वपूर्ण जानकारी जैसे जन्म तिथि, मोबाइल नंबर, गृहनगर और सामाजिक श्रेणी भी भरनी होगी। इस ई- श्रम पोर्टल के अंतर्गत एक राष्ट्रीय टोल-फ्री नंबर - 14434 - भी शुरू किया जाएगा, जो खुद को पंजीकृत कराने की मांग कर रहे श्रमिकों के प्रश्नों की सहायता और समाधान के लिए किया जाएगा।
 
केंद्र सरकार ई-श्रम पोर्टल की मदद से 38 करोड़ असंगठित कामगारों को पंजीकृत करने का लक्ष्य लेकर चल रही है, जिनमें निर्माण मजदूर, प्रवासी कार्यबल, रेहड़ी-पटरी वाले और घरेलू कामगार शामिल हैं।
 

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