केंद्र सरकार ने बनाई असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरियों के लिए पीएचडी की न्यूनतम योग्यता पर रोक लगाने की योजना।

Fri , 01 Oct 2021, 6:23 pm
केंद्र सरकार ने बनाई असिस्टेंट प्रोफेसर की नौकरियों के लिए पीएचडी की न्यूनतम योग्यता पर रोक लगाने की योजना।
Photo credit-PTI

नई दिल्ली।  शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि केंद्र सरकार ने सहायक प्रोफेसर के पद के लिए अनिवार्य पीएचडी की आवश्यकता को अस्थायी रूप से रोक दिया है। राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवार पद के लिए आवेदन करने के पात्र बने रहेंगे।
 
शिक्षा मंत्रालय ने विश्वविद्यालयों को रिक्त पद भरने की अनुमति देने के लिए अस्थायी मानदंड हटा दिया है।
 
शिक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने एएनआई को बताया, "केंद्रीय विश्वविद्यालयों में टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ समेत करीब 10,000 पद खाली हैं और मंत्रालय ने इस रिक्ति को जल्द भरने का निर्देश दिया था।
 
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान मीडिया को बताया कि मंत्रालय ने सहायक प्रोफेसर भर्ती के लिए पीएचडी पर अस्थायी रोक लगा दी है और इस पद के लिए पीएचडी अभी अनिवार्य नहीं होगी लेकिन इसे रद्द नहीं किया गया है।
 
मौजूदा मानदंडों के अनुसार, NET, SET, SLET सहित शिक्षक पात्रता परीक्षा के लिए अर्हता प्राप्त करने वाले उम्मीदवार सहायक प्रोफेसर के पद के लिए आवेदन करने के पात्र हैं। जिन उम्मीदवारों को यूजीसी के नियमों के अनुसार पीएचडी की डिग्री प्रदान की गई है, उन्हें नेट/स्लेट/सेट की न्यूनतम पात्रता शर्त की आवश्यकता से छूट दी जाएगी।
 
यह नियम विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की नीति 'विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए न्यूनतम योग्यता और उच्च शिक्षा में मानकों के रखरखाव के उपायों' के तहत लागू किया जा रहा था।
 
इस कदम से उच्च शिक्षा संस्थानों में रिक्त शिक्षण पदों को तेजी से भरने की उम्मीद है।

यह भी पढ़ें : टैक्सरिप्लाई ऑनलाइन जीएसटी लाइब्रेरी में एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) लागू करने जा रहा है।
शिक्षा
Scroll To Top