वायु सेना प्रमुख ने डिपो और इसकी लॉजर इकाइयों के प्रमुख कर्मियों से भी मुलाकात की। उन्होंने विभिन्न उत्पादन इकाइयों, स्थलों तथा 7 बीआरडी के विकास और इसके योगदान को दर्शाते हुए नव निर्मित स्टेशन के ऐेतिहासिक प्रकोष्ठ का दौरा किया। इस यात्रा के दौरान, उन्होंने भारतीय वायु सेना में अखिल भारतीय स्तर पर निर्देशित हथियार प्रणाली और संबद्ध रेडार प्रणाली के लिए मरम्मत तथा ओवरऑल सुविधाएं प्रदान करने के लिए डिपो की भूमिका की सराहना की।
यह भी पढ़ें : 31 मई को भारत का कोयला स्टॉक 35.48% बढ़कर 112.41 मीट्रिक टन हो गया, जानिए पूरी ख़बरउन्होंने निश्चित तौर पर बदले की कार्रवाई करने के साथ ज़मीन से हवा में मार करने वाले मिसाइल (एसएएमएआर) और मिसाइल आपूर्ति वाहन (एमएसवी), पोली यूरेथेन फोम (पीयूएफएफ), पैनल आधारित कॉम्बेट कैबिन, पायलट रेस्क्यू क्रैडल और फॉरेन ऑब्जेक्ट डैमेज (एफओडी) बैरियर जैसे निर्देशित हथियारों के लिए यूनिट के विभिन्न स्वदेशीकरण प्रयासों का निरीक्षण भी किया। उन्होंने परिचालन इकाइयों को सहयोग सुनिश्चित करने और 'आत्मनिर्भरता' हासिल करने की दिशा में स्वदेशीकरण के प्रयासों में सभी कर्मियों की भागीदारी और उत्साह की सराहना की।
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