बहु भाषाओं में होगी अब 'एसएससी एमटीएस' की परीक्षा,पढ़िए पूरी खबर

Wed , 19 Apr 2023, 12:27 pm
बहु भाषाओं में होगी अब 'एसएससी एमटीएस' की परीक्षा,पढ़िए पूरी खबर
बहु भाषाओं में होगी अब 'एसएससी एमटीएस' की परीक्षा

नई दिल्ली : कर्मचारी चयन आयोग मल्टी टास्किंग स्टाफ (एसएससी एमटीएस) परीक्षा और संयुक्त उच्चतर माध्यमिक स्तरीय परीक्षा देने वालो के लिए सरकार नई खुशखबरी लेकर आयी है। 
 
केंद्र सरकार ने विद्यार्थियों के हित में एक ऐतिहासिक निर्णय लिया हैं, जिसके अनुसार 'कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी)' द्वारा 'कर्मचारी चयन आयोग मल्टी टास्किंग (गैर-तकनीकी) स्टाफ (एसएससी एमटीएस) परीक्षा' और 'संयुक्त उच्चतर माध्यमिक स्तरीय परीक्षा' हिंदी तथा अंग्रेजी के अलावा अन्य 13 क्षेत्रीय भाषाओं में आयोजित करने की स्वीकृति प्रदान कर दी गई है। 
 
यह कदम स्थानीय युवाओं की भागीदारी को बढ़ावा देने और क्षेत्रीय भाषाओं को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
 

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मातृभाषा अथवा क्षेत्रीय भाषा को दिया जाएगा बढ़ावा
 
अब इन परीक्षाओं के लिए प्रश्न पत्र हिंदी और अंग्रेजी के अलावा असमिया, बंगाली, गुजराती, मराठी, मलयालम, कन्नड़, तमिल, तेलुगु, उड़िया, उर्दू, पंजाबी, मणिपुरी (मीती भी) तथा कोंकणी भाषा में तैयार किये जाएंगे। इस ऐतिहासिक निर्णय के परिणामस्वरूप लाखों उम्मीदवार अब अपनी मातृभाषा अथवा क्षेत्रीय भाषा में भी परीक्षा में भाग ले सकेंगे और उनकी चयन संभावनाओं में भी बढ़ोतरी होगी।
 
विभिन्न राज्यों द्वारा क्षेत्रीय भाषा में परीक्षा आयोजित करवाने की हो रही थी मांग
 
विभिन्न राज्यों में कर्मचारी चयन आयोग परीक्षा अंग्रेजी और हिंदी के अलावा देश की अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में आयोजित करने की लगातार मांग की जा रही थी। सरकार ने अन्य मुद्दों के साथ-साथ इस पहलू का अध्ययन करने के लिए एक विशेषज्ञ समिति (आयोग द्वारा आयोजित परीक्षाओं की व्यवस्था और पाठ्यक्रम की समीक्षा हेतु) नियुक्त की।
 
विशेषज्ञ समिति ने अपनी रिपोर्ट में अन्य बातों के साथ-साथ इस प्रकार की कुछ सिफारिशें की थीं: एसएससी की नौकरियों विशेष रूप से ग्रुप 'सी' के पदों के अध्ययन से पता चलता है कि ये पद सरकार-नागरिक संपर्क में सबसे आगे हैं। भारत एक ऐसा देश है जहां पर कई भाषाएं बोली जाती हैं, तो ऐसा होने के नाते "12वीं और 10वीं की परीक्षा" को बहु भाषाओं में आयोजित करना उचित होगा। एसएससी के साथ ऐसी प्रक्रिया प्रारंभ करने के लिए "रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) / बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (आईबीपीएस)" द्वारा उनकी परीक्षाओं में उपयोग की जाने वाली 14 भाषाओं के साथ शुरुआत की जा सकती है और फिर संविधान की आठवीं अनुसूची में उल्लिखित सभी भाषाओं को शामिल करने के लिए इन्हें धीरे-धीरे बढ़ावा दिया जा सकता है।
 
सरकार ने विशेषज्ञ समिति की इस सिफारिश को स्वीकार कर लिया है और एसएससी को इस संबंध में अपनाए जा सकने वाले तौर-तरीके तय करने को कहा है।
 
प्रारंभ में कर्मचारी चयन आयोग ने मल्टीटास्किंग स्टाफ परीक्षा, 2022 और संयुक्त उच्चतर माध्यमिक स्तरीय परीक्षा, 2022 को 15 भाषाओं (13 क्षेत्रीय भाषाओं + हिंदी + अंग्रेजी) में आयोजित करने का निर्णय लिया है, जैसा कि बैंकिंग कार्मिक चयन संस्थान (आईबीपीएस)/रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) द्वारा उनकी परीक्षा आयोजित करने के लिए किया जाता है। एमटीएस परीक्षा के संबंध में सूचना पहले ही जारी की जा चुकी है। 15 भाषाओं में सीएचएसएल परीक्षा के आयोजन के लिए नोटिस मई-जून 2023 में जारी किया जाएगा।
 

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उम्मीदवारों की लंबे समय से चली आ रही मांग हुई पूरी : डॉ.जितेंद्र सिंह
 
केंद्रीय कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन राज्य मंत्री डॉ.जितेंद्र सिंह ने कहा कि अंततः संविधान की आठवीं अनुसूची में सूचीबद्ध सभी भाषाओं को शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एसएससी लगातार यह सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कार्य करता रहता है कि आबादी के सभी वर्गों को क्षेत्रीय असमानताओं को समाप्त करने तथा हमारे देश की भाषाई विविधता को पहचानने और इसे महत्व देने के साथ-साथ संविधान के सिद्धांतों का एहसास करने के लिए सफल होने के एक समान अवसर प्राप्त हों।
 
डॉ.जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह महत्वपूर्ण पहल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी को नौकरी के लिए आवेदन करने के एक समान मौके प्राप्त हों और भाषा की बाध्यता के कारण कोई भी युवा अवसर पाने वंचित न हो या वह असुविधा में न रहे। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लिया गया यह फैसला उन परीक्षाओं के लिए कई राज्यों, विशेष रूप से दक्षिण भारत से आने वाले उम्मीदवारों की लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करेगा जो पहले बस अंग्रेजी और हिंदी में आयोजित की जाती थीं।
 
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एमटीएस 2022 परीक्षा नोटिस को विशेष तौर से दक्षिण भारत के उम्मीदवारों और सोशल मीडिया पर भी शानदार प्रतिक्रिया देखने को मिली है। इस तरह की पहली बहु-भाषा परीक्षा (एमटीएस 2022) 2 मई से शुरू होगी।
 
डॉ.जितेंद्र सिंह ने कहा कि राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों से स्थानीय युवाओं को अपनी मातृभाषा में परीक्षा देने के इस अवसर का सदुपयोग करने और देश की सेवा में अपना करियर बनाने के लिए बड़ी संख्या में भाग लेने के उद्देश्य से प्रोत्साहित करने हेतु एक व्यापक जन अभियान शुरू करने की आशा है।

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