एसईसीएल के कुसमुंडा क्षेत्र में क्षेत्रीय समन्वय समिति की बैठक, ओबी उत्पादन अभियान की रणनीति तय

New Delhi- विभागाध्यक्ष, शिफ्ट प्रभारी, सेक्शन प्रभारी के साथ प्रमुख कर्मियों की उपस्थिति में कुसमुंडा क्षेत्र में समन्यवय समिति की बैठक की गयी तथा वर्ष के शेष बचे दिनों के लिए रणनीति तय की गई। 
 
बैठक में सभी शिफ्ट प्रभारियों से उनकी राय -सलाह ली गयी, उनके विचार -समस्याओं  के साथ-साथ आवश्यकताओ की भी जानकारी ली गयीl
 
इस मैराथन बैठक में वार्षिक लक्ष्य प्राप्ति हेतु विभिन्न ऑपरेटरों को शिफ्ट आधार पर, मेंटेनेंसगैंग, ओवरमेन और शिफ्ट प्रभारियों को उनके उत्पादन के आधार पर, प्रोत्साहन उपहार योजना की भी घोषणा की गई।
 
कुसमुंडा कोयला खदान एक ओपन कास्ट माइन कॉम्प्लेक्स है, जो कोल इंडिया की सहायक कंपनी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड द्वारा संचालित है, जिसकी क्षमता कोरबा, छत्तीसगढ़, भारत में 62.5 मिलियन टन-प्रति-वर्ष (एमटीपीए) है।
 
कोल इंडिया की सहायक कंपनी साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (एसईसीएल) कुसमुंडा कोयला खदान का संचालन करती है, जिसे 1979 में खोला गया था।
 
खदान कोरबा कोलफील्ड्स के दक्षिण-मध्य भाग में स्थित है, और जाटराज, रेसडी और सोनपुरी ब्लॉक के पूर्वी क्षेत्र का एक हिस्सा है।
 
2009 के बाद से खदान ने तेजी से क्षमता बढ़ाई है, जब खदान ने प्रति वर्ष 10 मिलियन टन का उत्पादन किया था।
 
फरवरी 2014 में, भारत के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने एसईसीएल को 15 एमटीपीए से 18 एमटीपीए तक खदान की क्षमता का विस्तार करने के लिए पर्यावरण मंजूरी (ईसी) प्रदान की।

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