आरईसी ने स्मार्ट मीटरों की तैनाती के लिए पर्यावरण और जल परिषद के साथ एमओयू पर किए हस्ताक्षर

NEW DELHI- आरईसी ने स्मार्ट मीटरों की तैनाती, बिजली वितरण नेटवर्क को मजबूत करने और उपभोक्ताओं के लिए सेवा की गुणवत्ता बढ़ाने के माध्यम से डिस्कॉम के परिचालन और वित्तीय स्थिरता में सुधार के लिए ऊर्जा, पर्यावरण और जल परिषद के साथ सहयोग किया।
 
श्री आर लक्ष्मणन, कार्यकारी निदेशक - आरईसी लिमिटेड और डॉ अरुणाभा घोष, मुख्य कार्यकारी अधिकारी - सीईईडब्ल्यू की उपस्थिति में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए। एमओयू आरईसी को स्मार्ट मीटरिंग इंफ्रास्ट्रक्चर पर सर्वोत्तम प्रथाओं और विनियमों का अध्ययन करने में सक्षम करेगा।
 
आरईसी की स्थापना 1969 में राष्ट्र की अत्यंत महत्वपूर्ण आकस्मिकताओं के समाधान के लिए की गयी थी। गंभीर सूखे के समय, नेताओं ने अनुकूलित सिंचाई के लिए कृषि पंप-सेटों को ऊर्जायित करके मानसून पर कृषि की निर्भरता को कम करने का प्रयास किया। इसके बाद से, आरईसी के कदम नए-नए रास्तों की और बढ़ते गए और आरईसी अपने दायरे का इतना विस्तार कर लिया है कि एक नेतृत्वकर्ता के रूप में आरईसी आज विद्युत क्षेत्र के किसी भी हिस्से को वित्तीय सहायता प्रदान करने में सक्षम हैं, चाहे वह क्षेत्र उत्पादन का हो, पारेषण का हो अथवा वितरण का हो।
 
आरईसी कंपनी विद्युत मंत्रालय के अधीन एक नवरत्न कंपनी है। आरईसी अपने स्तर पर विदेशी उधारियों के अलावा बॉन्ड और आवधिक ऋण सहित विभिन्न परिपक्वताओं की बाजार उधारियों के साथ कारोबार करते हैं। घरेलू स्तर पर, हमें क्रिसिल, आईसीआरए, आईआरआरपीएल और सीएआरई से उच्चतम क्रेडिट रेटिंग प्राप्त है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमें संप्रभु रेटिंग के बराबर दर्जा दिया गया है। 
 
अत्यधिक योग्य और अनुभवी पेशेवरों के कुशल नेतृत्व के तहत, जिनके द्वारा हमारे सभी कर्मचारियों की व्यक्तिगत प्रतिभाओं का प्रभावी ढंग से उपयोग किया जा रहा है, आरईसी 1998 के बाद से हर साल लगातार मुनाफे पर मुनाफा बनाए रखा है तथा प्रत्येक वर्ष लाभांश भी अदा किया है। 
इस प्रकार आरईसी अपने निवल मूल्य को अब तक के सर्वाधिक 50,000 करोड़ रुपये (31 दिसंबर, 2021 तक) के स्तर पर पहुंचा दिया है।

Read Also