RBI की चेतावनी,सहकारी समितियां अपने नाम में नहीं कर सकतीं 'बैंक' का प्रयोग

NEW DELHI-सोमवार को भारतीय रिज़र्व बैंक ने जनता को अपने नाम पर 'बैंक' का इस्तेमाल करने वाली सहकारी समितियों के साथ-साथ उन लोगों से डिपॉज़िट स्वीकार करने के खिलाफ आगाह किया जो उनके सदस्य नहीं हैं।
 
पीटीआई के अनुसार २९सितंबर, 2020 से प्रभावी बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 में संशोधन के बाद, सहकारी समितियां अपने नाम के हिस्से के रूप में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) "BANK", "BANKER" या "BANKING" शब्दों का उपयोग नहीं कर सकती हैं, सिवाय इसके कि प्रावधानों के तहत या इसके तहत अनुमति दी गई है। 
 
Pti के खबर अनुसार आरबीआई ने एक बयान में कहा कि यह पता चला है कि कुछ सहकारी समितियां बैंकिंग नियमन अधिनियम का उल्लंघन करते हुए अपने नाम में 'बैंक' शब्द का इस्तेमाल कर रही हैं।
 
आरबीआई के ध्यान में यह भी आया है कि कुछ सहकारी समितियां गैर-सदस्यों/नाममात्र सदस्यों/सहयोगी सदस्यों से जमा स्वीकार कर रही हैं, जो कि प्रावधानों के उल्लंघन में बैंकिंग व्यवसाय करने के समान है।
 
आरबीआई ने कहा, "जनता के सदस्यों को एतद्द्वारा सूचित किया जाता है कि ऐसी सोसायटियों को न तो बीआर अधिनियम, 1949 के तहत कोई लाइसेंस जारी किया गया है और न ही वे बैंकिंग व्यवसाय करने के लिए आरबीआई द्वारा अधिकृत हैं।"
 
इसके अलावा, जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) से बीमा कवर भी इन सोसाइटियों के पास जमा राशि के लिए उपलब्ध नहीं है।

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