बोकारो जनरल अस्पताल में शुरू किया गया मनोचिकित्सीय स्वास्थ्य पहल

BOKARO- बोकारो जनरल अस्पताल के मनोचिकित्सा वार्ड में भर्ती मरीजों का इलाज दवा और मनोवैज्ञानिक चिकित्सा के साथ-साथ अब योग तथा प्राणायाम से भी होने लगा है. इतना ही नहीं, मानसिक समस्या से ग्रसित इन मरीजों के बेहतर इलाज के लिए समूह चिकित्सा ( ग्रुप थेरेपी) की शुरुआत भी की गई है. मरीजों के मनोरंजन के लिए मनोचिकित्सा वार्ड में कैरम, लूडो, शतरंज तथा बैडमिंटन खेलने की सुविधा भी प्रदान की गई है.
 
यह सर्वविदित है कि शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए योग, प्राणायाम और स्वस्थ जीवन शैली की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है. वैज्ञानिक अध्ययनों ने भी यह साबित किया है कि  योग और प्राणायाम के नियमित अभ्यास से हमारे न्यूरो हार्मोनल सिस्टम में स्वस्थ बदलाव आते हैं - मस्तिष्क के न्यूरोट्रांसमीटर संतुलित हो जाते हैं, न्यूरल नेटवर्क में सकारात्मक बदलाव आता है और तनाव को कम करने वाले फील गुड हार्मोन्स जैसे डोपामिन, सेरोटोनिन और ऑक्सीटॉसिन का स्राव होता है.
 
मनोचिकित्सीय शोध यह भी बताते हैं कि समूह चिकित्सा और विभिन्न खेलों के माध्यम से मरीज सोशल स्किल्स और लाइफ स्किल्स बेहतर ढंग से सीखते हैं. यह अंततः उनके मनोसामाजिक पुनर्वास मैं काफी लाभकारी होता है.
 
 बीजीएच के मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ बिभूति भूषण करुणामय और अवर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी व मनोचिकित्सा प्रभारी डॉ प्रभात कुमार के मार्गदर्शन में इन सहायक चिकित्सा पद्धतियों का संचालन सहायक महाप्रबंधक सह चिकित्सा मनोवैज्ञानिक डॉ सुबोध कुमार के द्वारा किया जा रहा है.
 
डॉ सुबोध कुमार ने वर्ल्ड साइकाइट्रिक एसोसिएशन और नेशनल इंस्टीट्यूट आफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेज, बंगलुरु से  मानसिक स्वास्थ्य में योग विषय में प्रशिक्षण प्राप्त किया है.
 
मनोचिकित्सा वार्ड के पोर्टिको में प्रतिदिन सुबह मरीजों को जो योग और प्राणायाम का अभ्यास कराया जाता है, वह राष्ट्रीय योग संस्थान, आयुष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी प्रोटोकॉल के अनुरूप है. बोकारो जनरल अस्पताल के इस स्वस्थ पहल से एक और जहां मरीजों और उनके परिजनों में उत्साह देखने को मिल रहा है, वहीं दूसरी ओर आम लोगों के मन में मानसिक स्वास्थ्य और मनोचिकित्सा से संबंधित भ्रांतियां और गलत धारणाएं भी कम हो रही है.

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