व्यापार और निवेश पर भारत-कनाडा के छठवें मंत्रिस्तरीय संवाद का संयुक्त घोषणापत्र घोषित

नई दिल्ली : ओटावा में भारत और कनाडा ने 08 मई 2023 को व्यापार और निवेश पर छठी मंत्रिस्तरीय संवाद का आयोजन किया। इसकी सह-अध्यक्षता केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग तथा सार्वजनिक वितरण और वस्त्र मंत्री श्री पीयूष गोयल तथा कनाडा की अंतर्राष्ट्रीय व्यापार, निर्यात संवर्धन, लघु व्यवसाय और आर्थिक विकास मंत्री सुश्री मैरी एन्ग ने की। दोनों मंत्रियों ने भारत और कनाडा के बीच व्यापार और आर्थिक संबंधों की ठोस आधारशिला रखे जाने पर जोर दिया और द्विपक्षीय संबंधों व आर्थिक साझेदारी को गहरा करने के महत्त्वपूर्ण अवसरों पर बात किया।
 
दोनों मंत्रियों ने भारत की अध्यक्षता में इस वर्ष भारत में आयोजित जी-20 की विभिन्न बैठकों में हो रही महत्त्वपूर्ण चर्चाओं का भी उल्लेख किया। इस संदर्भ में, कनाडा की मंत्री सुश्री एन्ग ने भविष्य की वैश्विक अर्थव्यवस्था के रूप में भारत की भूमिका का उल्लेख किया और भारत में जी-20 कार्यक्रमों में अब तक मिली सफलताओं पर भारत सरकार और भारतीय व्यापार संगठनों को बधाई दी। उन्होंने जी-20 अध्यक्ष के रूप में भारत और जी-20 व्यापार एवं निवेश कार्य समूह में भारत द्वारा अपनाई गई प्राथमिकताओं के प्रति अपना पूर्ण समर्थन व्यक्त किया। सुश्री एन्ग ने यह भी संकेत दिया कि वे अगस्त 2023 में  भारत में होने वाली आगामी जी-20 व्यापार और निवेश मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लेने के लिए उत्सुक हैं, जिसका श्री गोयल ने स्वागत किया। कनाडा की समृद्धि, सुरक्षा और पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने की क्षमता के लिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र के महत्त्व को स्वीकारते हुये सुश्री एन्ग ने कनाडा की हिंद-प्रशांत रणनीति को शुरू करने का उल्लेख किया और क्षेत्र में भारत की अहमियत के बारे में कहा।
 
दोनों मंत्रियों ने कोविड महामारी की चुनौतियों और यूक्रेन में युद्ध के कारण उत्पन्न मुश्किलों के बावजूद द्विपक्षीय व्यापार के लचीलेपन का उल्लेख किया। जिसमे उन्होंने बताया कि 2022 में कनाडा-भारत द्विपक्षीय व्यापार लगभग 12 अरब कनेडियन डॉलर तक पहुंच गया, जो इसके पिछले वर्ष की तुलना में 57 प्रतिशत अधिक है। दोनों मंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने में सेवा क्षेत्र के योगदान को भी रेखांकित किया और द्विपक्षीय सेवा व्यापार को बढ़ाने की महत्वपूर्ण क्षमता का उल्लेख किया जो 2022  में 8.9 अरब कनेडियन डॉलर थी। दोनों मंत्रियों ने द्विपक्षीय निवेश की महत्वपूर्ण वृद्धि और आर्थिक और व्यापार संबंधों को गहरा करने में उनके योगदान को स्वीकार किया, व्यापार विकास को सुविधाजनक बनाने और निवेश को आकर्षित करने के लिए दोनों देशों द्वारा किए गए सुधारों की सराहना भी की।

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